दमोह- भारत के स्वतंत्रा संग्राम के शहीदों की स्मृति में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में अधिकारी-कर्मचारियों ने दो मिनिट का मौन रखकर स्वतंत्रता संग्राम में अपने जीवन अर्पण करने वाले सेनानियों को श्रृ़द्धांजलि दी गई।
विश्व कुष्ठ निवारण दिवस के मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सरोजनी जेम्स बैक ने बताया कि कुष्ठ महज एक दीर्घकालिक रोग है, किसी को छूने, हाथ मिलाने से नहीं होता, साथ-साथ उठने-बैठने, भोजन करने, गले लगाने से भी नहीं होता है। सामान्यतः कुष्ठ रोगाणुओं के प्रति कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग इससे प्रभावित होते है। चिकित्सक की देख-रेख में बहु-औषधि आधुनिक उपचार एम.डी.टी. का सेवन निरंतर लेने से यह रोग छः माह से एक साल तक पूर्णतः ठीक हो जाता है। इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाये तो कुष्ठ रोग बढ़ जाता है। विकलांगता का अंदेशा अत्यधिक होता है। कुष्ठ रोग का उपचार सभी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है।
जिला कुष्ठ कार्यालय में जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. रीता चटर्जी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर जिले को कुष्ठ मुक्त करने हेतु मौजूद सेवाप्रदाताओं को संकल्पित कराया। साथ ही कुष्ठ उन्मूलन के लिए किये जा रहे प्रयासों से भी अवगत कराया। इस मौके पर मौजूद जिला आयुष मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रियंका तारण एवं फिजियो थेरेपिस्ट रजनीश गांगरा, एनएमए, आशा कार्यकर्ता मौजूद रही।
जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. रीता चटर्जी ने बताया कुष्ठ रोग को फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका संक्रमित लोगों का शीघ्र निदान और उपचार करना है। स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान कुष्ठ रोगियों की पहचान के लिए आज 30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलाया जायेगा। इस दौरान एन.एम.ए., आशा कार्यकर्ता, ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर पहॅुचकर कुष्ठ रोगियों के निकट संपर्क में आये बच्चों, परिजनों, आमजनों में कुष्ठ के लक्षणों की पहचान कर एम.डी.टी से उपचारित कराने का कार्य करेंगे। इसके अलावा शालाओं का भ्रमण कर कुष्ठ के लक्षणों के प्रति छात्र-छात्राओं को भी जागरूक किया जायेगा।
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