दमोह के विकास का रोडमैप पर हुई बैठक



हमें कुछ पानी केन-बेतवा से मिल रहा है और हमारी जो पांच परियोजनाएं हैं उनमें भी लगभग 175000 एकड़ की सिंचाई, उससे भी होगी रोड मेप बनाकर लाये और शासन के साथइसको समाहित करें - राज्य मंत्री लखन पटेल


100 करोड़ की परियोजना भगवान भोलेनाथ के बांदकपुर कॉरिडोर के लिए बनाई गई है और उस पर जल्दी ही काम शुरू होगा - राज्य मंत्री धर्मेंद्र लोधी


पांचो नदियों को जोड़ दिया जाता है तो दमोह जिले में कभी पानी की कमी नहीं आयेगी-पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष डॉ कुसमरिया


इस बार जो बारिश में पानी आएगा उससे उन 39 गांव में सिंचाई होगी-विधायक जयंत मलैया


दमोह के विकास का रोडमैप (भविष्य की संभावनाओं पर विचार विमर्श) पर हुई बैठक जनप्रतिनिधि - गणमान्य नागरिकों, विभिन्न संगठनो के पदाधिकरीगण रहे मौजूद


दमोह।  हर विधानसभा का यह रोड मेप है और इसको आने वाले समय के लिए हमारा विजन क्या होगा, प्रदेश कैसा होगा इसके लिए हर विधायक को जिम्मेदारी दी गई है कि अपने यहां का रोड मेप बनाकर लाये और शासन के साथ इसको समाहित करें। इस संबंध में सभी जनप्रतिनिधिगण और गणमान्य नागरिकों सभी के सुझाव लिये गए। इस आशय के विचार प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने आज कलेक्टर कार्यालय में दमोह के विकास का रोडमैप (भविष्य की संभावनाओं पर विचार विमर्श) पर आयोजित बैठक मैं व्यक्त किये। इस अवसर पर संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ रामकृष्ण कुसमरिया, विधायक दमोह जयंत मलैया, उमा देवी खटीक, भाजपा जिलाध्यरक्ष प्रीतम सिंह लोधी, जिला पंचायत अध्यक्ष  रंजीत गौरव पटेल, नगर पालिका अध्यक्ष मंजू वीरेंद्र राय, कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर, पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी, सीईओ जिला पंचायत अर्पित वर्मा, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारीगण सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, नागरिकगण मौजूद रहे।


        राज्य मंत्री लखन पटेल ने कहा यह इसलिए की हमारा आने वाले समय का दमोह कैसा हो, हमारा जिला कैसा हो, हमारे गांव कैसे हो उसके लिए सभी लोगों से सुझाव लिये गए हैं और इन सुझावों को समाहित करके 5 वर्ष में इसको पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। इसमें बहुत सारे सुझाव खास तौर से सिंचाई के संबंध में बहुत सारे सुझाव है और भी बिंदुओं पर सुझाव आए हैं, उन पर अधिकारियों से बात की गई है, उसको डॉक्यूमेंट में जोड़ने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा हर विकासखंड में मिट्टी परीक्षण की बिल्डिंग बनी हुई है, जिन बेरोजगार युवाओं को कोई काम मिलेगा। यदि कोई किसान जो खुद मिट्टी लेकर आएगा, उसकी 25-50 रुपए जो फीस है, वह देनी पड़ेगी। यह एक बड़ा फैसला अभी हाल ही कैबिनेट में हुआ है, इस तरीके का काम कर रहे हैं, जिससे मुझे लगता है कि यह मिट्टी परीक्षण वाली समस्या हल हो जाएगी। उन्होंने कहा 25 गांव छूटे है वह जुड़ रहे हैं, इसकी सबसे ज्यादा कोई चिंता कर रहे हैं तो वह पूर्व वित्त मंत्री एवं विधायक जयंत भैया जी ने की हैं।

            उन्होंने कहा व्यारमा नदी का प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है, लगभग उसमें 2 लाख हेक्टेयर की सिंचाई होगी, उसको जोड़ देंगे तो हमारा पूरा जिला जो बचा हुआ है, क्योंकि हमें कुछ पानी केन-बेतवा से मिल रहा है और हमारी जो पांच परियोजनाएं हैं उनमें भी लगभग 175000 एकड़ की सिंचाई, उससे भी होगी । कुछ सिंचाई तालाबों से हो रही है, बाकी जो बचेगा अगर यदि यह योजना स्वीकृत हो जाए तो मुझे लगता है कि दमोह जिले की पूरी सिंचाई हो जाएगी। उन्होंने कहा हमारा जो सीतानगर डेम है, यह डेम बहुत बड़ा डेम है और वहां पर बाजू में ही मड़कोलेश्वर है, वहीं पर हवाई अड्डे बनाने की बात हो रही है। उन्होंने कहा नरसिंहगढ़ में हमारा पीडब्ल्यूडी का रेस्ट हाउस है, उसको बहुत अच्छा बनाना है। वहां पर रेस्टोरेंट बनाने और साथ में वोटिंग करने का प्लान है। डायमंड सीमेंट का हवाई अड्डा पुराना है, सिर्फ तीन या चार बार वहां पर जहाज उतरा है। अभी मैंने कुछ दिन पहले ही उसमें बात की थी तो वह उसे सरेंडर कर रहे हैं इसके दस्तावेज देखकर हम लोग वहां बनाने का काम करेंगे। उसका सिर्फ सीमेंटीकरण होना है वह हो जाएगा तो हवाई अड्डा चालू हो जाएगा।


      प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने कहा दमोह पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में बहुत समृद्ध-शाली जिला है। इसके लिए बांदकपुर कॉरिडोर से शुरू कर रहे हैं, 100 करोड़ की परियोजना भगवान भोलेनाथ के बांदकपुर कॉरिडोर के लिए बनाई गई है और उस पर जल्दी ही काम शुरू होगा। साथ ही मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी ने जो निर्देश दिए हैं की हर विधानसभा का हर जिले का एक विजन डॉक्यूमेंट बनाना चाहिए, जिसमें हम 5 साल में क्या-क्या काम करना चाहते हैं वह विजन डॉक्यूमेंट बनाकर हम यहां से कलेक्टर के माध्यम से भेजेंगे और उस विजन डॉक्यूमेंट को लेकर मंत्रिमंडल के माध्यम से कैबिनेट में योजना बनाकर उस विजन डॉक्यूमेंट पर काम किया जाएगा। सारे विभागों को लेकर आज विजन डॉक्यूमेंट को लेकर चर्चा हुई और जिले के सभी बुद्धिजीवियों को भी बुलाया गया जिसमें उन्होंने अपनी-अपनी राय दी है। राज्य मंत्री लोधी ने कहा सबसे महत्वपूर्ण बात है कि विजन डॉक्यूमेंट सीधे केवल एक नेता विशेष नहीं बना रहा है, पूरे जिला के बुद्धिजीवी लोगों को बुलाकर विजन डॉक्यूमेंट का निर्माण कार्य किया जा रहा है। यह अच्छी सोच है इसके सुखद परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा जब पहली बैठक ली थी तब मैंने कहा था सबसे पहले बांदकपुर का विकास करना है, उसकी योजना बन गई है, इसकी बैठक मंदिर समिति के साथ करके योजना को जल्दी ही आगे बढ़ाया जाएगा और जो आप सभी की डिमांड है धीरे-धीरे सारी डिमांड हम पूरी करेंगे।


राज्य मंत्री लोधी ने कहा एयर एंबुलेंस की सुविधा पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने शुरू की है। यदि कोई ऐसी स्थिति बनती है तो कलेक्टर से, सीएमएचओ से संपर्क करके उस गंभीर मरीज को एयरलिफ्ट करके भोपाल या जिस हॉस्पिटल में ले जाना है, वहां ले जाया जा सकता है। उन्होंने कलेक्टर से कहा हरदुआ गांव प्रधानमंत्री सड़क से जुड़ गया है, लेकिन हाथी घाट इसलिए नहीं जुड़ पा रहा है क्योंकि रिकॉर्ड में एक ही नाम है, इन दोनों गांवों को अलग-अलग करने की जो भी प्रक्रिया है वह कर ली जाये, वह प्रधानमंत्री सड़क से जुड़ जाए ताकि जो ग्रामीण जन है उन्हें सुविधा हो सके।

            पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा जिले में 05 नदिया बेबस, सुनार, कोपरा और व्यारमा जिले से निकली हैं, यदि इन पांचो नदियों को जोड़ दिया जाता है तो दमोह जिले में कभी पानी की कमी नहीं आयेगी। उन्होंने का ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा किया जाये मुख्यमंत्री जी से चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा कुम्हारी क्षेत्र में 10 तालाब बहुत अच्छे बने है, सिंचाई के लिए नहरे बनाए ताकि खेतों में पानी जा सके। उन्होंने कहा दिव्यांगो के उपकरणों के सुधार का काम बहुत पहले किया गया था। दिव्यांगों के उपकरण सुधार कार्य के लिये यहां सुधार केन्द्र बनाकर सुधार कराया जाये। उन्होंने कहा सकोर में 9वी सदी का मंदिर है, यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं है। इसे जागेश्वर लोक के रूप में विकसित किया जाये। कुण्डलपुर में रूकमणी मठ को भी विकसित‍किया जाये।

       पूर्व वित्त मंत्री एवं दमोह विधायक जयंत कुमार मलैया ने कहा दमोह जिले के हर विधानसभा में एक-एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए अलग-अलग वर्गों के लोगों को बुलाया गया, सभी ने हर विभाग के बारे में जो उनके विचार थे, उन विचारों को व्यक्त किया। सभी को कलेक्टर ने आमंत्रित किया है और इसके बाद 15 जुलाई तक विजन डॉक्युमेंट बनाने की बात कही गई है। उन्होंने कलेक्टर श्री कोचर से कहा ग्रामीण क्षेत्र में और यहां पर भी शालाओं की स्थिति जीर्ण-छीर्ण हालत में है, कई जगह उसकी रिपेयरिंग होना है, कई जगह पर शालाओं में अतिरिक्त कक्ष बनने है, कई जगह पर टॉयलेट नहीं है, खास तौर से बेटियों के लिए टॉयलेट बनवाएं जाये।


        विधायक मलैया ने कहा इस वर्ष पानी की कमी थी, सतधरू से पेयजल आ रहा था, इस बार जो बारिस में पानी आएगा उससे उन 39 गांव में सिंचाई होगी और उसके बाद पानी की उपलब्धता देखते हुए आगे उसका विस्तार किया जा सकेगा।


       कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने आज आयोजित बैठक के प्रारंभ में कहा दमोह जिले की विकास संभावनाओं पर विचार करके अगले 5 साल का रोड मैप तैयार किया जा रहा है। प्रेजेंटेशन में विषय हैं, इस पर सभी अपने विचार रखेंगे। एक रोड मैप तैयार कर मुख्यमंत्री जी को सौपा जाएगा। इसके पहले जनप्रतिनिधियों के साथ उसके बाद अधिकारियों के साथ इस विषय पर चर्चा की जाएगी।

बैठक में जो सुझाव है, उसमें प्रमुख इस प्रकार से हैं

            दमोह को पर्यटन के नक्शे में लाया जाए, सिंगल क्लिक पर सारी जानकारी वेबसाइट पर मिल जाए। बकायन में आयोजित होने वाले महोत्सव को संस्कृत विभाग के कैलेंडर में शामिल किए जाने की बात रखी गई। साथ ही कहा गया कि इस उत्सव के लिए राशि बढ़ाई जाए। जबलपुर-दमोह-ओरछा मार्ग का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं किया गया है, शीघ्र शुरू कराया जाए, जो भी बाधा है दूर कराई जाए। यह भी सुझाव आया कि धार्मिक स्थल कुंडलपुर, बांदकपुर, नोहलेश्वर आदि के लिये सड़क उच्चस्तरीय बनवाई जाए, जिसमें सभी तरह के वाहनों का आवागमन सुगम रहे।

            बैठक में दमोह जिले को एयर कनेक्टिविटी से जोड़े जाने की बात प्रमुखता से रखी गई। इस अवसर पर कहा गया कि दमोह जिले के तीर्थ क्षेत्र को हवाई कनेक्टिविटी से जोड़ा जाए, साथ ही दमोह को जबलपुर से पुणे की फ्लाइट शुरू कराई जाए, दमोह से बड़ी तादाद में लोग पुणे से जुड़े हुए हैं। बैठक के दौरान यह भी कहा गया स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया जाए, जिले में जो पारंपरिक उद्योग है उनको आधुनिक साधनों से जोड़ा जाए, नई संभावनाओं पर विचार कर उन्हें अपग्रेड किया जाए। दमोह के जिला उद्योग केंद्र को एक्टिव किया जाए।


            नोहटा में बिजली पोल बनाने की फैक्ट्री को पुन: शुरू करने की बात रखी गई। साथ ही जिले में सांची पार्लर अधिक संख्या में खोले जाएं, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। इस दौरान बसती गृह में जो कि बंद पड़ा हुआ है यहां पर महिलाओं को रोजगार हेतु अवसर मुहैया करने के साथ जिले में जो गौशालाएं हैं उन्हें उद्योगों से जोड़ने के संबंध में प्रमुख से बातें रखी गई।

            बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों, नागरिकों आदि ने अपने सुझाव रखें। जो इस प्रकार हैं इनमे एक जिला एक उत्पाद की चर्चा की गई। कहा गया कि यहां की जो चना दाल है, एक जिला एक उत्पाद में शामिल है, अच्छी क्वालिटी की है, इसकी बिहार यू.पी. आदि में अच्छी डिमांड भी है। बात रखी गई कि यहां से जाने वाले माल की राशि सही समय पर मिल जाए ऐसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जाए।

            इस दौरान स्कूली शिक्षा तकनीकी, शिक्षा उच्च शिक्षा और मेडिकल शिक्षा पर भी चर्चा की गई। दमोह में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में चर्चा कर सुझाव दिए गए कि स्वास्थ्य सुविधाओं में विशेष रूप से हृदय रोग विशेषज्ञ और न्यूरो के डी.एम. डॉक्टर की पदस्थापना यहां पर कराई जाए, साथ ही एमआरआई की स्थापना पर जोर दिया गया। यह बात भी रखी गई कि पॉलिटेक्निक कॉलेज दमोह को पॉलिटेक्निक कॉलेज ही रखा जाए, इंजीनियरिंग कॉलेज नई जगह पर बनाया जाए। दमोह में लॉ कोर्स शुरू करने के बाद भी रखी गई।

            किसान कल्याण तथा कृषि विकास के मछली पालन के संबंध में भी अपनी बात रखी गई, मछली पालन और कृषि सिंचाई के बारे में विचार रखे गए। यहां पर नहर का सुधार के साथ बलराम तालाब योजना को पुनः शुरू करने की बात रखी गई।

            इस दौरान जटाशंकर, भीमकुंड, बांदकपुर, कुंडलपुर, सिंग्रामपुर को लिंक मार्ग विकसित करने और चोरैया गुफा, बंशीपुर का विकास, बरी कनोरा को अतिक्रमण मुक्त करने आदि विषयों पर भी सुझाव रखे गए।

            जिले के सभी तालाबों को संरक्षित करने की कार्य योजना बनाई जाने पर जोर दिया गया, साथ ही कहा गया कि इन तालाबों में जहां भी अतिक्रमण हैं, उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। मनरेगा के तालाबों को व्यवस्थित कर दिया जाए, जिससे ये सिंचाई सुविधा के भी काम आएंगे। सत्तधरू परियोजना में झापन से हथनी तक कुछ गांव छूटे हैं, उन्हें शामिल करने की बात रखी गई।

            इस दौरान दमोह शहर सहित अन्य स्थानों एवं मार्गो से अतिक्रमण हटाने पर जोर दिया गया। साथ ही दमोह शहर की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कैसे कम हो इस संबंध में भी विचार रखे गए।

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