श्री रामचरित मानस मानव जीवन की आचार संहिता है - पं. गणेश पाठक

 श्री रामकथा द्वितीय दिवस

श्री रामचरित मानस मानव जीवन की आचार संहिता है - पं. गणेश पाठक



 दमोह/- श्री नर्मदेश्वर महादेव सेवा समिति दमोह द्वारा पुरैना तालाब स्थित श्री नर्मदेश्वर महादेव मठ प्रांगण में माँ नर्मदा प्राकट्योत्सव एवं श्रीराम कथा का आयोजन 30 जनवरी से 07 फरवरी 2025 तक किया जा रहा है।

श्रीराम कथा के द्वितीय दिवस कथा व्यास पं. गणेश पाठक जी महाराज ने श्री रामचरित मानस की महिमा का बड़े ही रोचक ढंग से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि श्री रामचरित मानस मानव जीवन की आचार संहिता है जिसका अनुषरण करने से हम जीवन में आने वाली विपत्तियों का समाधान कर सकते हैं। कलयुग में संसार रूपी सागर को पार करने का एकमात्र सहारा राम नाम ही है। राम नाम का आश्रय लेकर प्राणी संसार रूपी वैतरिणी से पार पा सकता है। उन्होंने राम नाम का अर्थ स्पष्ट करते हुये कहा कि ‘रा’ से आषय है सूर्य का ताप। जो हमारे शरीर के अंदर के पाप और दोषों का शमन करने वाली अग्नि होता है और ‘म’ से आषय चंद्रमा की शीतलता से है जो पाप और दोषों का शमन होने के बाद हमारे शरीर के अंदर की अग्नि को चंद्रमा की तरह शीतलता प्रदान करके उसे शांत करने का कार्य करता है। उन्होंने अन्य प्रसंगों का मनमोहक रूप से वर्णन किया जिसे सुनकर श्रोता भावविभोर हो गये। श्रीराम कथा के उपरांत माँ नर्मदा जी की आरती की गई। कथा व्यास पं. गणेष पाठक जी महाराज ने बताया कि तृतीय दिवस की कथा में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जायेगा एवं अन्य प्रसंगों का वर्णन होगा।


  श्री नर्मदेश्वर महादेव सेवा समिति ने समस्त धर्मप्रेमी बंधुओं से नर्मदा प्राकट्योत्सव एवं श्रीराम कथा में अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होकर धर्म लाभ अर्जित करने की अपील की है।

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