मेडीकल दल द्वारा मरीजों का प्राथमिक उपचार कर,
जीवनरक्षक औषधियों का किया गया वितरण
सभी मरीज स्वस्थ
ग्रामीणों को पानी उबालकर पीने तथा हल्का भोजन लेने की समझाईश दी गई
दमोह - जिले के ग्राम बांदीपुरा में पेट दर्द, दस्त, उल्टी आदि बीमारी से संबंधित जानकारी मिलने पर कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सरोजिनी जेम्स बेक को वस्तु स्थिति से अवगत कराने तथा ग्रामीणों का शीघ्र उपचार कराने के निर्देश दिये । इसी तारतम्य में जिला कॉम्बेट टीम, जिला एपिडिमियोलॉजिस्ट डॉ. आकांक्षा भारद्वाज की देखरेख में स्वास्थ्य दल द्वारा ग्रामीणों की जॉच कर मरीजों से चर्चा की गई । पीने के पानी के उपयोग में लाये जा रहे जलस्रोत के अवलोकन से टीम को ज्ञात हुआ कि ग्रामवासियों द्वारा दूषित पानी पीने की वजह से ग्राम में पेट दर्द, दस्त, उल्टी के 18 मरीज सामने आये हैं। मरीजों को पेट दर्द, दस्त, बुखार की जीवनरक्षक औषधियां दी गईं। सभी मरीज स्वस्थ हैं। मेडीकल दल द्वारा ग्रामीणजनों को पानी उबालकर पीने व हल्का भोजन लेने की समझाईश दी गई है।
जिला एपिडिमियोलॉजिस्ट डॉ. आकांक्षा भारद्वाज ने बताया कि ग्रामवासियों से चर्चा के दौरान पीने के पानी के जलस्रोत के संबंध में ज्ञात हुआ कि अधिकाधिक ग्रामवासी जिस हैंडपंप के पानी का उपयोग पीने के लिए इस्तेमाल में लाते हैं, उसके चारों ओर साफ-सफाई का अभाव, गंदगी का होना पाया गया। दल के द्वारा जल स्रोत के आसपास ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया। साथ ही ग्रामवासियों को जलस्रोत के आसपास साफ-सफाई बनाये रखने की समझाईश दी गई। एपिडिमियोलाजिस्ट द्वारा ग्रामवासियों से मृतक 60 वर्षीय महिला मायारानी गौड़/पिता मोहनसिंह गौड़ के संबंध में चर्चा करने पर ज्ञात हुआ कि मृतक 07 वर्षों से चेहरे और पैर में सूजन से परेशान थी। जो कि प्रायवेट अस्पताल में ईलाज ले रही थी।
ज्ञातव्य है कि विकासखंड तेंदूखेडा के उपस्वास्थ्य केंद्र धनगौर से लगभग डेड़ किमी दूरी पर स्थित अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्राम बादीपुरा में गत दिवस पेट दर्द, उल्टी, दस्त के प्रकरण की जानकारी ग्राम की आशा कार्यकर्ता द्वारा मिलते ही खंडस्तरीय मेडीकल टीम ग्राम में पहुंची। टीम द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीणजनों की स्वास्थ्य जांच एवं प्राथमिक उपचार किया गया। उपचार के दौरान पेट दर्द, दस्त, बुखार से कुल 18 मरीज के प्रकरण सामने आये।
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