बांदकपुर के समग्र विकास के लिए योजना बने और दमोह को नगर निगम घोषित किया जाए - सिद्धार्थ जयंत मलैया
इमलिया घाट और बांदकपुर को उप तहसील का दर्जा देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर सिद्धार्थ जयंत मलैया ने मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन
दमोह - भाजपा नेता सिद्धार्थ मलैया ने दमोह के चहुंमुखी विकास के संबंध में विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपे जिसमें बांदकपुर सिद्ध क्षेत्र की समग्र विकास हेतु प्राधिकरण अथवा अन्य योजना बनाने, दमोह नगर पालिका को नगर निगम घोषित करने, ग्राम पंचायत इमलिया घाट एवं बांदकपुर को उप तहसील का दर्जा देने, सीता नगर परियोजना में दमोह विधानसभा के 33 ग्रामों को पुनः जोड़ने, चमड़ा फैक्ट्री की भूमि को जनहित में सार्वजनिक उपयोग हेतु आरक्षित करने, लाइब्रेरी की भूमि स्कूल शिक्षा विभाग को स्थानांतरित करने एवं जिला जेल दमोह की जमीन की नीलामी प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने की मांग की गई।
ज्ञापनों के संबंध में सिद्धार्थ मलैया ने बताया कि बांदकपुर सिद्ध क्षेत्र वर्तमान में ग्राम पंचायत है एवं लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है लगातार बांदकपुर में भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है अतः बांदकपुर और आसपास के ग्रामों को मिलाकर जिले का एक नया विकास केंद्र बनाया जा सकता है जिसमें नई रोजगार और स्वरोजगार के साथ विद्यालय महाविद्यालय एवं आवासीय कॉलोनीयों की असीमित संभावनाएं हैं। बांदकपुर ग्राम पंचायत को कानूनी रूप से सुदृढ़ किया जाए, बांदकपुर के विकास के संबंध में आगामी 25 वर्षों का मास्टर प्लान बनाया जाए एवं उसे चरणबद्ध तरीके से लागू कर विशेष अनुदान और सुविधाएं दी जाए।
नगर पालिका परिषद दमोह की सीमावृद्धि नगर निगम घोषित किया जाये
सिद्धार्थ मलैया ने आगे बताया कि नगर पालिका परिषद दमोह की सीमा वृद्धि हेतु नगरी निकायों की कार्रवाई प्रारंभ की गई थी जिसमें दमोह नगर से लगे हुए विभिन्न ग्राम पंचायत को समाहित किए जाने हेतु ग्राम पंचायत की सहमति प्रस्ताव एवं आवेदन पूर्व में प्रस्तुत किए जा चुके हैं जनहित को दृष्टिगत रखते हुए नगर पालिका परिषद दमोह की सीमा वृद्धि कर नगर निगम घोषित करने की मांग की है।
ग्राम पंचायत इमलिया घाट और बांदकपुर को उप तहसील का दर्जा दिया जाए
सिद्धार्थ मलैया ने आगे कहा कि दमोह तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत इमलिया घाट दमोह तहसील मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर है और यह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है इस क्षेत्र के लोगों को शासकीय योजनाओं एवं जमीन से संबंधित कार्य हेतु दमोह आने-जाने में असुविधा होती है क्षेत्र के लोगों की सुविधा की दृष्टि से ग्राम पंचायत इमलिया घाट को उप तहसील घोषित किए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की गई साथ ही धार्मिक आस्था का केंद्र बांदकपुर दमोह से 17 किलोमीटर की दूरी पर है जहां धार्मिक त्योहारों के समय लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं आते हैं एवं सामान्य दिनों में भी भक्तों की संख्या अधिक रहती है क्षेत्र के लोगों की सुविधा की दृष्टि से भी बांदकपुर को उप तहसील घोषित करने की मांग मुख्यमंत्री से की गई।
सीतानगर परियोजना के मूलभूत परिवर्तन की जांच कर पुनः पूर्ववत कर दमोह विधानसभा के 33 ग्रामों को जोड़ा जाये
दमोह जिले की सीता नगर परियोजना में दमोह जिले की 16200 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित है जिसमें दमोह तहसील के 11400 हेक्टेयर क्षेत्र जिसमें 62 ग्राम पंचायत समाहित थे परंतु सीता नगर परियोजना में मूलभूत परिवर्तन कर दमोह तहसील के 33 ग्रामों को परियोजना से पृथक कर दिया गया था मुख्यमंत्री से मांग करते है कि सीता नगर परियोजना में किए गए परिवर्तन पर पुनर्विचार कर दमोह तहसील के अलग किए गए 33 ग्रामों को पुनः जोड़कर कुल 62 ग्रामों को परियोजना में सम्मिलित किया जाए।
चमड़ा फैक्ट्री की भूमि जनहित में सार्वजनिक उपयोग हेतु आरक्षित की जाये
दमोह शहर के चैनपुरा बजरिया वार्ड नंबर 5 में चमड़ा फैक्ट्री के नाम से भूमि आवंटित है 20 वर्षों से यह फैक्ट्री बंद हो जाने से फैक्ट्री की जमीन अनुपयोगी पड़ी है इस क्षेत्र में अधिकांश अनुसूचित जाति वर्ग के लोग निवास करते हैं जानकारी के अनुसार इस भूमि को शासन नीलम करने की योजना है जबकि इस भूमि का उपयोग जनहित में क्षेत्र की जनता के लिए उपयोग हेतु अति आवश्यक है एवं इस भूमि पर विभिन्न तरह से शैक्षणिक संस्था का भवन, खेल मैदान पर अथवा सामुदायिक भवन हेतु सुरक्षित कर आरक्षित किए जाने का अनुरोध मुख्यमंत्री से करते है
लाइब्रेरी की भूमि स्कूल शिक्षा विभाग को स्थानांतरित की जाए
सिविल वार्ड नंबर 2 में लाइब्रेरी संचालित है परंतु लाइब्रेरी की जमीन पुलिस विभाग के नाम राजस्व में अंकित है उक्त जमीन को पुलिस विभाग से स्कूल शिक्षा विभाग के नाम स्थानांतरित कर दी जाए तो उक्त लाइब्रेरी का विकास संभव है।
जिला जेल दमोह की जमीन की नीलामी प्रक्रिया पर पुनर्विचार किया जाये
जिला जेल के एक भाग की पीपीपी मोड पर नीलामी प्रक्रिया चालू है और जिला जेल को शहर से बाहर बनाने की बात है परंतु उक्त स्थल शहर के बीचो बीच स्थित है और लोगों की आवाजाही भी उक्त मांग पर अधिक होती है परंतु नीलामी प्रक्रिया के बाद उक्त मार्ग पर और अधिक यातायात दबाव बढ़ जाएगा उक्त जमीन के आसपास विभिन्न शैक्षणिक संस्थाएं है, समीप स्थित तहसील खेल मैदान समय के साथ छोटा पड़ने लगा है मुख्यमंत्री से आग्रह है कि यदि संभव हो तो उक्त नीलामी प्रक्रिया पर पुनः विचार किया जाए।
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