प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संस्था में लाकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जायेगा-कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर
जिले में प्रतिमाह की 9 एवं 25 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कार्यवाही सुनिश्चित करने के दिये निर्देश
अभियान की शुरूआत शनिवार 25 मई से
दमोह - मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इस उददेश्य से जिले में प्रतिमाह की 9 एवं 25 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की गाईडलाईन के परिपालन में आयोजित होने वाले अभियान में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं समस्त ब्लॉक मेडीकल ऑफीसरों को दिये हैं।
अभियान तिथि से पूर्व की तैयारियां
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा अभियान तिथि के कम से कम 02 दिवस पूर्व प्रत्येक चिन्हित संस्था अभियान का माइक्रो प्लॉन तैयार किया जाये । सीएचओ और एएनएम से गर्भवती एवं हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं की सूची पुष्टिकरण करते हुए बीसीएम को उपलब्ध कराई जाए । हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं की सूची के आधार पर रूट प्लान तैयार कराया जाए तथा इनकी सूची अभियान दिवस के दो दिन पूर्व ही आशा और आशा सुपरवाइजर को उपलब्ध कराई जाये । अभियान दिवस के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक्स की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए ।
उन्होंने कहा गर्भवती महिलाओं के लिए बैठक व्यवस्था, पीने के साफ़ पानी, बेनर, गर्मी की स्थिति में कूलर/पंखे तथा स्वल्पाहार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए । स्टोर इंचार्ज के माध्यम से आवश्यक दवाओं की स्थिति प्राप्त कर सभी आवश्यक दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जाए । लैब इंचार्ज के माध्यम से अभियान दिवस के दिन उपयोग में लाई जाने वाली समस्त जांच किट व लैब टेस्ट से संबंधी अन्य सामग्री की उपलब्धता को जांचना सुनिश्चित किया जाये । कर्मचारियों का डयूटी रोस्टर बनाना एवं संबधित कर्मचारी को उसकी पूर्व सूचना देने की कार्यवाही की जाये । अभियान दिवस के लिए आवश्यक प्रचार-प्रसार सामग्री, काउन्सलिंग सामग्री, बेनर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये । अभियान दिवस के दिन उपयोग में लाये जाने वाले समस्त उपकरणों की क्रियाशीलता को अच्छी तरह से जांच लिया जाए । अभियान के दिन स्थापित होने वाले सभी काउंटर्स के मैप अनुसार व्यवस्थायें बनाकर मॉकड्रिल कराई जाए तथा आशा के माध्यम से गर्भवती महिलाओं का मोबलाइजेशन सुनिश्चित किया जावे।
अभियान दिवस” के दिन अभियान संचालन की प्रक्रिया
उन्होंने निर्देशित किया है अभियान प्रात: ठीक 9 बजे से प्रारंभ होगा । सभी काउन्टर्स पर कार्य करने वाले कर्मचारी डॉक्टर्स एवं पैरामेडीकल स्टॉफ भी अनिवार्य रूप से सुबह 8.30 बजे तक अपनी डयूटी पर उपस्थिति सुनिश्चित कर लें । अभियान में सबसे पहले रजिस्ट्रेशन काउंटर होगा, जहां पर गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया जायेगा । श्री कोचर ने कहा सुनिश्चित करें कि पंजीयन काउन्टर पर त्वरित पंजीयन और गर्भवती महिला का लेब टेस्ट किया जायेगा, पंजीयन और लेब टेस्ट के दौरान सुनिश्चित किया जाये कि महिलाओं को लंबे समय तक लाईन में लगकर खड़ा न रहना पडे़ । टेस्ट स्थल पर प्रतिक्षारत महिलाओं के बैठने और उनके लिए पीने के पानी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए । विशेष परिस्थिति में यदि आवश्यक हो तो गर्भवती महिला को लेब टेस्ट हेतु भेजने के पूर्व भी चिकित्सक के परामर्श हेतु भेजा जा सकता है । लेब टेस्ट के पश्चात महिला की प्रसूति से संबंधित इतिहास, वज़न, बी.पी., लम्बाई आदि की समस्त जानकारी प्राप्त करने का काउन्टर होगा । यहाँ से गर्भावस्था की गंभीरता और आवश्यकता के आधार पर उन्हें आगे बने अलग-अलग काउंटर पर भेजा जाएगा । एक काउंटर पर मेडीकल ऑफीसर होंगे और एक काउंटर पर प्रसूति विशेषज्ञ, दोनों चिकित्सकों के साथ पेट जांच व अन्य सहायता के लिए नर्सिंग स्टाफ रहेगा । यदि मेडीकल ऑफीसर को आवश्यकता प्रतीत हो, तब वह किसी हाईरिस्क गर्भवती महिला को प्रसूति विशेषज्ञ के पास भेजेंगे, जहां प्रसूति विशेषज्ञ द्वारा आवश्यक जांच कर परामर्श दिया जायेगा । इसके बाद गर्भवती महिला डॉक्टर द्वारा अनुशंसित दवाए प्राप्त करने हेतु दवा वितरण काउंटर पर जायेगी ।
उन्होंने कहा यदि मेडीकल ऑफीसर के लिये महिला को प्रसूति विशेषज्ञ के पास भेजने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है, तो ऐसी स्थिति में गर्भवती महिला सीधे दवा वितरण काउंटर पर जायेगी । इसके बाद गर्भवती महिला दवा वितरण काउंटर से दवाएं प्राप्त करेंगी । अभियान का आखिरी काउंटर परामर्श का होगा, जहाँ गर्भवती महिलाओं को नर्सिंग स्टॉफ द्वारा आवश्यक सलाह दी जाएगी और इस प्रकार यह पूरी प्रक्रिया संपन्न होगी । अत्यंत आवश्यक होने पर चिन्हित हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं का संबंधित उच्च स्वास्थ्य केन्द्र के लिए रेफरल किया जाये ।अभियान प्रात: 09 बजे प्रारंभ होगा और तब तक जारी रहेगा, जब तक कि शिविर में उपस्थित अंतिम गर्भवती महिला की जांच, उपचार और परामर्श की कार्यवाही पूर्ण न हो जाए ।
स्वास्थ्य केन्द्र पर दी जाने वाली सेवाओं की प्रविष्टि
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा अभियान में उपस्थित समस्त गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली सेवाओं की प्रविष्टि भारत सरकार के pmsma / e-pmsma पोर्टल पर पूर्ण एंट्री अभियान दिवस को ही करना सुनिश्चित किया जाए । हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं का सर्व संबंधितों के माध्यम से रेगुलर फ़ॉलो-अप करवाना सुनिश्चित किया जाए । संबंधित हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर एवं सेक्टर बैठक में ऐसे प्रकरणों की समीक्षा की जाए ।
VHSND मीटिंग के दौरान समीक्षा
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा VHSND के बाद होने वाली आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं ए.एन.एम. की AAA मीटिंग में सम्बंधित गाँव की हाई रिस्क गर्भवती महिला की विशेष काउंसलिंग व प्रसव की संभावित तिथि के आधार पर प्रसव पूर्व तैयारी करवाना सुनिश्चित किया जाए ।
हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर मीटिंग के दौरान समीक्षा
उन्होंने कहा गर्भवती महिला, खासतौर पर हाई रिस्क गर्भवती महिला की प्रसव के पहले और बाद में केस टू केस समीक्षा की जाए । प्रसव की संभावित तिथि और केस की गंभीरता को प्राथमिकता देते हुए सम्बंधित गर्भवती महिला की आवश्यक जरूरी जांचे व फ़ॉलोअप सुनिश्चित किया जाए । पोर्टल पर गर्भवती महिला से संबंधित जानकारी का नियमानुसार अपडेशन किया जाए । ब्लॉक की मासिक समीक्षा के एजेंडा में हाई रिस्क की स्क्रीनिंग, चेकअप और फ़ॉलोअप को प्राथमिकता दी जावे तथा जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में ऐसे प्रकरणों की स्थिति का प्रस्तुतिकरण किया जायेगा ।
अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु
उन्होंने संबंधितों से कहा है यह दिशा निर्देश वर्णित निर्देशों के परिपालन में केवल आयोजन दिवस अर्थात प्रतिमाह की 9 एवं 25 तारीख की व्यवस्थाओं से संबंधित है । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश में अभियान के संबंध में अन्य सभी प्रमुख विषयों पर विस्तृत गाईडलाईन दी गई है । इस गाईडलाईन के अनुसार सर्वसंबंधित अपने उत्तरदायित्वों का पूरी निष्ठा और गंभीरता के साथ निर्वहन करेंगे । अभियान तिथियों को जिले की सभी 9 चिन्हित स्वास्थ्य संस्थाओं (जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं शहरी स्वास्थ्य केन्द्र) के निरीक्षण हेतु विभागीय एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की डयूटी लगाई जाए । गर्भवती महिलाओं की जांच हेतु सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों की स्त्री रोग विशेषज्ञों की सेवाऐं मिशन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का परिपालन करने हेतु प्राप्त की जायें । प्रसव पूर्व प्रत्येक गर्भवती महिला की एक जांच एवं हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं की अतिरिक्त तीन जांचें अनिवार्य रूप से हों ।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत निर्धारित मापदण्डो एवं दिशा निर्देशों का परिपालन करते हुए शिविरों के आयोजन की उपरोक्त व्यवस्था को कढ़ाई से लागू करना सुनिश्चित किया जाए ताकि अभियान के लक्ष्यों को समय-सीमा में प्रभावी रूप से और गुणवत्ता के साथ प्राप्त किया जा सके ।
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