दमोह - म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत प्रिंसिपल जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष रेणुका कंचन के निर्देशन एवं जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दमोह अम्बुज पाण्डेय के मार्गदर्शन में वृद्धाश्रम में वृद्धजनों के अधिकार के संबंध में जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। उक्त शिविर में प्रथम जिला न्यायाधीश डॉ. आरती शुक्ला पाण्डेय, जिला विधिक सहायता अधिकारी रजनीश चौरसिया, प्रबंधक वृद्धाश्रम वीरेन्द्र असाटी एवं वृद्धजन उपस्थित रहे।
प्रथम जिला न्यायाधीश डॉ. आरती शुक्ला पाण्डेय ने कहा कि बुढ़ापा/वृद्धावस्था जीवनकाल की ऐसी अवस्था है जो हर व्यक्ति के जीवन में आना तय है, यदि कोई यह सोचता है कि वह अपने जीवन में वृद्ध नहीं होगा तो वह उसका सबसे बड़ा भ्रम है। उन्होंने कहा शरद ऋतु में अपने आप को शीत से बचायें और ऋतु आधारित भोजन लें ताकि अपने आप को बदलते मौसम के अनुरूप ढाल सकें। उन्होंने वृद्धजनों के अधिकारों की सुरक्षा के लिये बनाये गये ‘‘माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम के बारे में जानकारी दी।
जिला विधिक सहायता अधिकारी रजनीश चौरसिया ने कहा वर्तमान समय में संयुक्त परिवार की अवधारण क्षीण हो जाने के कारण वृद्धजनों का एकांकी जीवन सामाजिक चुनौती बन गया है, ऐसे वृद्धों की देखरेख एवं संरक्षण के लिए वृद्धाश्रमों की स्थापना की गयी है जिसमें वृद्धों के निवास, चिकित्सा एवं मनोरंजन की समुचित व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। यदि किसी के विरूद्ध न्यायालय में कोई प्रकरण प्रस्तुत करना है, तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आपको प्रकरण प्रस्तुत करने हेतु निःशुल्क अधिवक्ता एवं अन्य व्यय उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है।
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